यह सौदा लगभग 1.17 बिलियन अमेरिकी डॉलर का होगा। डिफेंस सिक्योरिटी कोऑपरेशन एजेंसी के अनुसार, इस प्रस्तावित बिक्री से भारत की पनडुब्बी रोधी युद्ध क्षमता में सुधार होगा और वर्तमान व भविष्य के खतरों से निपटने की क्षमता बढ़ेगी। यह निर्णय बाइडन प्रशासन के चार साल का कार्यकाल पूरा होने से कुछ सप्ताह पहले लिया गया है। मुख्य जानकारी: भारत ने 30 मल्टीफंक्शनल इंफॉर्मेशन डिस्ट्रीब्यूशन सिस्टम-ज्वाइंट टैक्टिकल रेडियो सिस्टम (MIDS-JTRS) का अनुरोध किया है। सौदे में डेटा ट्रांसफर सिस्टम, एक्सटर्नल फ्यूल टैंक, AN/AAS 44C(V) फॉरवर्ड-लुकिंग इन्फ्रारेड (FLIR) सिस्टम, मुनिशन और अन्य तकनीकी उपकरण शामिल हैं। यह सौदा भारत की रक्षा क्षमताओं को और मजबूत करेगा। प्रमुख ठेकेदार लॉकहीड मार्टिन रोटरी और मिशन सिस्टम्स होगा। इस प्रोग्राम के तहत, 20 अमेरिकी सरकारी और 25 ठेकेदार प्रतिनिधि अस्थायी रूप से भारत आएंगे। यह सौदा भारत-अमेरिका के बीच रक्षा साझेदारी को और मजबूत करेगा और क्षेत्रीय सुरक्षा में योगदान देगा।
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