कांग्रेस ने कहा कि सरकार कब इन आर्थिक वास्तविकताओं को स्वीकार करेगी।
प्रमुख बिंदु
- कांग्रेस के महासचिव (संचार) जयराम रमेश ने आर्थिक मंदी और उपभोक्ता खर्च में कमी पर चिंता जताई।
- उन्होंने कहा कि भारत में उपभोक्ता खर्च, खासकर एफएमसीजी सेक्टर, में बड़ी गिरावट देखी जा रही है।
- एक नई रिपोर्ट के हवाले से, रमेश ने तीन प्रमुख आर्थिक समस्याओं की ओर इशारा किया।
घरेलू बचत में गिरावट
- आरबीआई के आंकड़ों के मुताबिक, जीडीपी के प्रतिशत के रूप में शुद्ध घरेलू बचत 50 साल के सबसे निचले स्तर पर है।
- असुरक्षित कर्ज के बढ़ने से बचत में कमी आई है, जिससे परिवारों के पास खर्च करने के लिए कम पैसा बच रहा है।
आर्थिक मंदी का प्रभाव
- कोविड-19 के बाद अर्थव्यवस्था की रिकवरी धीमी हो गई है।
- वित्त वर्ष 2025 की दूसरी तिमाही में कॉर्पोरेट आय दो दशकों में सबसे बड़ी गिरावट पर रही।
- 2008 के वित्तीय संकट के बाद ऐसा पहली बार हुआ है।
तकनीकी बदलावों का असर
- स्वचालन और आउटसोर्सिंग जैसे उपायों से नौकरी के मौके घट रहे हैं।
- रूटीन और दोहराव वाले काम, जो कभी मध्यम वर्ग की रीढ़ थे, खत्म हो रहे हैं।
- इससे शहरी मध्यम वर्ग पर ज्यादा प्रभाव पड़ा है, जो “संकुचित” हो रहा है।
सरकार पर आरोप
- कांग्रेस ने सरकार पर बेरोजगारी और महंगाई बढ़ाने के आरोप लगाए।
- रमेश ने कहा कि मध्यम वर्ग की परेशानियां कब स्वीकार करेगा पीएमओ।
- कांग्रेस ने मांग की कि इन आर्थिक समस्याओं का समाधान प्राथमिकता पर हो।
राजनीतिक प्रहार
- कांग्रेस ने सरकार की आर्थिक नीतियों को विफल करार दिया।
- जयराम रमेश ने कहा कि सरकार ने मध्यम वर्ग को नजरअंदाज किया है।
- विपक्ष ने महंगाई और बेरोजगारी पर संसद में भी सवाल उठाए।
आगे की राह
- कांग्रेस ने सरकार से आर्थिक सुधार और रोजगार सृजन के लिए ठोस कदम उठाने की मांग की।
- पार्टी ने मध्यम वर्ग की जरूरतों और समस्याओं पर ध्यान देने पर जोर दिया।
- रिपोर्ट के आधार पर, कांग्रेस ने सरकार की नीतियों पर पुनर्विचार की अपील की।