बीरभूम हिंसा में उछला ममता के करीबी का नाम:विपक्ष बोला- खेला होबे का नारा देने वाले नेता ने घर जलाने को कहा था
बीरभूम हिंसा की की आंच मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के करीबियों तक पहुंच गई है। विपक्ष का आरोप है कि तृणमूल कांग्रेस के बीरभूम जिलाध्यक्ष अनुब्रत मंडल ने बलवाइयों को फोन पर घरों में आग लगाने को कहा था। इस मामला में TMC के ब्लॉक प्रमुख की गिरफ्तारी हो चुकी है। भाजपा, CPM समेत पूरा विपक्ष अनुब्रत को भी अरेस्ट करने की मांग कर रहा है। अनुब्रत मंडल वही नेता हैं जिन्होंने बंगाल चुनाव में तृणमूल कांग्रेस की ओर से खेला होबे का नारा दिया था।
बीरभूम हिंसा मामले में विपक्ष की रडार पर अनुब्रत क्यों?
अनुब्रत मंडल पिछले 12 साल से ज्यादा समय से बीरभूम के जिलाध्यक्ष हैं। इस हिंसा में तृणमूल का ब्लॉक अध्यक्ष गिरफ्तार हुआ है। भाजपा ने अनुब्रत मंडल के फोन कॉल डिटेल की जांच की मांग की है। बंगाल इमाम असोसिएशन ने भी कहा है कि अगर अनुब्रत गिरफ्तार नहीं होते हैं तो सभी मस्जिदों के इमाम सरकार के खिलाफ प्रदर्शन करेंगे। CPM के स्टेट सेक्रेटरी मोहम्मद सलीम भी मामले में अनुब्रत मंडल पर एक्शन लेने की मांग कर रहे हैं।
भाजपा सांसद सौमित्र खान ने दावा किया है कि इस मामले में गिरफ्तार आरोपी और पूर्व तृणमूल कांग्रेस के ब्लॉक अध्यक्ष अनारूल हुसैन से हिंसा की रात मंडल की फोन पर बात हुई थी। उन्होंने कहा कि उनके फोन की CDR खंगाली जाए। अनुब्रत ने ही हिंसा की रात दो घर जलाने के निर्देश दिए, जिस वजह से पुलिस नहीं पहुंच पाई।
अनुब्रत ने कहा था- बंगाल में 9 बजे के बाद खेला होगा
अनुब्रत मंडल पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव 2021 से पहले एक रैली में खेला होबे का स्लोगन देकर सुर्खियों में आए थे। अनुब्रत ने कहा था कि खेला होबे (खेला होगा), भयंकर खेला होबे और रात 9 बजे के बाद रोज खेला होबे। मंडल के इस बयान पर उस वक्त चुनाव आयोग ने नोटिस जारी किया था।
पहले जानिए गिरफ्तार हुए अनारूल हुसैन के बारे में
अनारूल हुसैन 2012 में तृणमूल कांग्रेस में शामिल हुए थे। उससे पहले हुसैन रामपुरहाट इलाके में राजमिस्त्री का काम करते थे। 2018 के पंचायत चुनाव में रामपुरहाट में तृणमूल कांग्रेस ने सभी सीटों पर जीत दर्ज की। इसके बाद अनारूल का कद बढ़ता गया। 2019 के चुनाव से पहले अनुब्रत ने अनारुल को रामपुरहाट ब्लॉक तृणमूल कांग्रेस का अध्यक्ष बनाया।
अनुब्रत उर्फ केस्टो, जिसके बिना बीरभूम में TMC का पत्ता नहीं हिलता
अनुब्रत को इलाके में केस्टो के नाम से भी जाना जाता है। अनुब्रत अब तक कोई भी चुनाव नहीं लड़े हैं, लेकिन बीरभूम में उनकी तूती बोलती है। पार्टी के भीतर अनुब्रत की ताकत का अंदाजा इसी से लगा सकते हैं,कि 2021 के चुनाव में अनुब्रत ने बीरभूम के मंगलकोट विधानसभा से विधायक व तत्कालीन मंत्री सिद्दीकुल्लाह चौधरी के खिलाफ मोर्चा खोल दिया था।अनुब्रत के विरोध के बाद ममता ने चौधरी को बीरभूम से हटाकर वर्दवान भेज दिया। अनुब्रत वर्तमान में तृणमूल राष्ट्रीय कार्यसमिति के सदस्य भी हैं। अनुब्रत को चुनाव आयोग 2016, 2019 और 2021 के चुनाव में हाउस अरेस्ट भी कर चुकी है।
Source : Dainik Bhaskar