श्रीलंका में लड़कियां मजबूरी में सेक्स वर्कर बन रहीं
टाइट पेंसिल स्कर्ट, क्रॉप डीप नेक टॉप, फोन में गड़ी नजरें। शीशे के उस पार बैंच पर बैठी ये लड़कियां किसी शोपीस की तरह लग रहीं थीं। आहट होते ही वो सतर्क हो जातीं। तिरछी नजर से आने वाले को पहचानने की कोशिश करतीं कि कहीं वो कोई जान-पहचान का तो नहीं है।
शीशे के इस तरफ नौजवान, अधेड़ और बुजुर्ग उन्हें नजर भरकर देखते और अपनी पसंद की लड़की चुनने के बाद फीस चुकाकर सीढ़ियां चढ़ते हुए ऊपर बने बिस्तर जितनी चौड़ाई वाले केबिन नुमा कमरे में चले जाते।
ग्राहक मुस्कुराते हुए लौटते और सर्विस देकर आई लड़की फिर शीशे के उस पार बेंच पर जा बैठती। रिसेप्शन पर बैठा मैनेजर जाते हुए कस्टमर से सिर झुकाकर मुस्कुराते हुए पूछता, ‘सर, वाज इट ए हैप्पी एंडिंग’। उधर से जवाब आता है, “यस, आई विल कम अगेन।’
मद्धम रोशनी में शीशे के उस पार सजी-धजी बैठी इन लड़कियों में कोई छात्रा है जो हॉयर एजुकेशन का सपना देखती है, कोई पत्नी है जो पूरे परिवार को पाल रही है, तो कोई अकेली मां है जिस पर बच्चों की भूख मिटाने की जिम्मेदारी है।
श्रीलंका के मौजूदा आर्थिक संकट ने कई ऐसी लड़कियों को सेक्स वर्क में धकेल दिया है जो पहले नौकरी कर रहीं थीं या उच्च शिक्षा हासिल करने के सपने संजो रही थीं।
बड़ी तादाद में नई लड़कियां प्रॉस्टिट्यूशन में शामिल
श्रीलंका में प्रॉस्टिट्यूशन कानूनन प्रतिबंधित है। राजधानी कोलंबो में सेक्स वर्क का कोई खास इलाका नहीं हैं। पड़ताल करने पर पता चला कि यहां स्पा और मसाज सेंटर्स की आड़ में सेक्स वर्क भी हो रहा है और इसमें बड़ी तादाद में नई उम्र की लड़कियां शामिल हैं।
हमें ये भी पता चला कि पिछले कुछ महीनों में सेक्स वर्क में शामिल लड़कियों की तादाद बढ़ गई है। इनमें बहुत सी ऐसी हैं जो अपने खराब आर्थिक हालात की वजह से ये काम कर रही हैं।
हमें ये भी पता चला कि पहले सेक्स वर्क में अधिकतर पेशेवर वेश्याएं होती थीं, जो लंबे समय से इस काम में थीं, लेकिन अब अधिकतर नई लड़कियां हैं जो लगातार खराब हो रहे आर्थिक हालात की वजह से इस काम से जुड़ गई हैं।
Source :Dainik Bhaskar