
रांची: मुख्यमंत्री मंईयां सम्मान योजना के अंतर्गत असली लाभुकों की पहचान सुनिश्चित करने के लिए अब राज्य सरकार ने एक और कदम उठाया है। महिला, बाल विकास एवं सामाजिक सुरक्षा विभाग ने निर्णय लिया है कि लाभार्थियों के राशन कार्ड का भी वेरिफिकेशन कराया जाएगा। इस पहल का उद्देश्य है कि योजना का लाभ सिर्फ उन्हीं महिलाओं को मिले जो वास्तव में इसके पात्र हैं।
सरकार को संदेह है कि कुछ मामलों में फर्जी दस्तावेज़ों के आधार पर योजना का लाभ लिया जा रहा है। ऐसे में राशन कार्ड की अनिवार्यता से पात्रता की बेहतर जांच संभव होगी। विभाग के अधिकारियों के अनुसार, राशन कार्ड के माध्यम से लाभार्थियों के परिवार की आर्थिक स्थिति, सदस्य संख्या और निवास की जानकारी स्पष्ट रूप से सामने आ सकेगी।
योजना के तहत राज्य की गरीब, विधवा, परित्यक्ता और वृद्ध महिलाओं को आर्थिक सहायता प्रदान की जाती है। अब तक इस योजना के अंतर्गत लाखों महिलाओं को लाभ पहुंचाया जा चुका है। लेकिन हाल ही में कई जिलों से शिकायतें आई थीं कि कुछ अपात्र महिलाएं भी योजना का लाभ उठा रही हैं। इसी को ध्यान में रखते हुए सरकार ने वेरिफिकेशन प्रक्रिया को और सख्त करने का फैसला लिया है।
राशन कार्ड की जांच के साथ-साथ विभाग आधार कार्ड, बैंक खाता विवरण और अन्य दस्तावेजों की भी समीक्षा करेगा। इसके लिए जिला स्तर पर विशेष टीम गठित की जा रही है, जो घर-घर जाकर सत्यापन करेगी। सत्यापन के बाद ही महिलाओं को योजना की अगली किश्त का भुगतान किया जाएगा।
विभागीय अधिकारियों का कहना है कि यह कदम पारदर्शिता बढ़ाने और सरकारी योजनाओं के दुरुपयोग को रोकने के लिए आवश्यक है। इससे यह सुनिश्चित होगा कि सरकार द्वारा दी जा रही आर्थिक मदद केवल उन तक पहुंचे जिनके लिए यह वास्तव में बनी है।