
गिरफ्तार आरोपियों में मिंटू कुमार पासवान उर्फ छोटा छत्री, राहुल मुंडा उर्फ मिरिंडा, मनोज माली और अजय यादव शामिल हैं। पुलिस ने इनके पास से 7.65 बोर की पिस्टल, तीन जिंदा गोलियां, वारदात में इस्तेमाल की गई लाल रंग की बिना नंबर की पल्सर बाइक, नकद रुपए, पांच मोबाइल फोन और वारदात के दौरान पहने गए कपड़े बरामद किए हैं।
हत्या का उद्देश्य
डीआईजी संजीव कुमार ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में बताया कि यह हत्या छत्तीसगढ़ के रायपुर जेल में बंद गैंगस्टर अमन साहू के गिरोह ने की थी। उद्देश्य था एनटीपीसी और अन्य खनन कंपनियों के अधिकारियों में भय पैदा कर लेवी वसूली करना। अमन साहू की योजना थी कि इस वारदात के माध्यम से कंपनियों पर दबाव बनाया जाए, ताकि वे नियमित रूप से लेवी का भुगतान करें।
वारदात का विवरण
8 मार्च की सुबह कुमार गौरव अपने आवास से कार्यालय जा रहे थे, तभी फतहा क्षेत्र में बाइक सवार अपराधियों ने उनकी गाड़ी को ओवरटेक कर रोका और गोली मार दी। घटना के बाद उन्हें अस्पताल ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया। कुमार गौरव बिहारशरीफ के एकंगरसराय प्रखंड के निवासी थे।
पुलिस की कार्रवाई
एसआईटी ने तकनीकी साक्ष्यों और सीसीटीवी फुटेज के आधार पर आरोपियों की गतिविधियों को ट्रैक किया और विभिन्न स्थानों पर छापेमारी कर उन्हें गिरफ्तार किया। मुख्य शूटर मिंटू पासवान था, जबकि बाइक राहुल मुंडा चला रहा था। मनोज माली ने रेकी की थी और अजय यादव ने हथियार की आपूर्ति की थी।
निष्कर्ष
एनटीपीसी के डीजीएम कुमार गौरव की हत्या के मामले में पुलिस की त्वरित कार्रवाई से चार आरोपियों की गिरफ्तारी हुई है। यह घटना क्षेत्र में लेवी वसूली के लिए अपराधियों द्वारा किए जा रहे प्रयासों को उजागर करती है। पुलिस की इस सफलता से उम्मीद है कि भविष्य में ऐसे अपराधों पर अंकुश लगेगा और क्षेत्र में सुरक्षा व्यवस्था मजबूत होगी।