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मध्य प्रदेश हाई कोर्ट के निर्देश के बाद यह कदम उठाया गया है।
कोर्ट ने राज्य सरकार को चार हफ्तों के भीतर इस कचरे का निपटान करने का आदेश दिया था।
जानकारी के मुताबिक, इस जहरीले कचरे को विशेष कंटेनरों में भरकर धार जिले के पीथमपुर औद्योगिक क्षेत्र में ले जाया जा रहा है, जहां इसका वैज्ञानिक तरीके से निपटान किया जाएगा। यह कचरा कई सालों से फैक्ट्री में पड़ा हुआ था और पर्यावरण के लिए खतरा बन गया था।
इस कदम से भोपाल के लोगों को बड़ी राहत मिली है। लंबे समय से वे इस जहरीले कचरे के कारण चिंतित थे। अब उम्मीद है कि इस कचरे के निपटान से क्षेत्र में प्रदूषण कम होगा और लोगों की सेहत पर इसका बुरा असर नहीं पड़ेगा।
यह घटना क्यों है खास:
यह घटना इसलिए खास है क्योंकि यह भोपाल गैस त्रासदी के पीड़ितों के लिए एक बड़ी जीत है। यह दिखाता है कि न्यायपालिका और सरकार ने इस मामले को गंभीरता से लिया है।