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टूटा हुआ रिश्ता आत्महत्या के लिए उकसाने का अपराध नहीं: सुप्रीम कोर्ट.

नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट ने एक महत्वपूर्ण फैसले में कहा है कि टूटा हुआ रिश्ता अपने आप में आत्महत्या के लिए उकसाने का अपराध नहीं बनता।

कोर्ट ने कहा कि आत्महत्या के लिए उकसाने के लिए जानबूझकर ऐसा करने का इरादा होना जरूरी है।

कोर्ट ने कहा कि कई बार रिश्ते खराब हो जाते हैं और लोग अलग हो जाते हैं। ऐसे में हर बार यह नहीं कहा जा सकता कि जिस व्यक्ति से रिश्ता टूटा है, उसने ही दूसरे व्यक्ति को आत्महत्या के लिए उकसाया है। ऐसा कहने के लिए ठोस सबूत होने चाहिए।

यह फैसला उन मामलों में महत्वपूर्ण है जहां आत्महत्या के बाद आरोप लगाया जाता है कि किसी और ने व्यक्ति को आत्महत्या के लिए उकसाया था। कोर्ट ने कहा कि ऐसे मामलों में पुलिस और अदालतों को सावधानी बरतनी चाहिए और बिना सबूत के किसी को दोषी नहीं ठहराया जाना चाहिए।

यह खबर क्यों महत्वपूर्ण है?

यह खबर इसलिए महत्वपूर्ण है क्योंकि यह आत्महत्या के मामलों में कानून के दायरे को स्पष्ट करती है। यह फैसला यह सुनिश्चित करेगा कि लोग गलत तरीके से आरोपित न हों।

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