आयोग ने मेटा और व्हाट्सऐप को कुछ निर्देश भी दिए हैं, जिनका उन्हें एक निश्चित समय सीमा के भीतर पालन करना होगा। इन निर्देशों का मकसद यह है कि भविष्य में इस तरह की घटनाएं दोबारा न हों।
कंपनी करेगी अपील
मेटा ने इस फैसले को चुनौती देने की बात कही है। कंपनी का कहना है कि उसने कोई गलत काम नहीं किया है और वह यूजर्स की निजता को लेकर प्रतिबद्ध है। मेटा का मानना है कि सीसीआई का यह फैसला गलत है और वह इस मामले में अपील करेगी।
क्या है इसका मतलब?
डेटा प्राइवेसी: यह मामला डेटा प्राइवेसी के मुद्दे पर एक बार फिर से चर्चा को बढ़ावा देगा।
प्रतिस्पर्धा: यह फैसला यह भी दिखाता है कि भारत में प्रतिस्पर्धा कानून को कितनी गंभीरता से लिया जा रहा है।
टेक कंपनियों पर अंकुश: यह फैसला बड़ी टेक कंपनियों के लिए एक संदेश है कि उन्हें भारत में कानूनों का पालन करना होगा।
फैसला बड़ी टेक कंपनियों के लिए एक संदेश है कि उन्हें भारत में कानूनों का पालन करना होगा।