इस तकनीक का नाम FastGlioma है और यह सर्जन को यह निर्धारित करने में मदद करती है कि क्या कोई कैंसरयुक्त टिश्यू शल्यक्रिया के बाद भी बचा हुआ है।
कैसे काम करती है यह तकनीक?
जब सर्जन मस्तिष्क से कैंसरयुक्त ट्यूमर को हटाते हैं, तो वे अक्सर यह सुनिश्चित करने के लिए संघर्ष करते हैं कि सभी कैंसरयुक्त कोशिकाओं को हटा दिया गया है। FastGlioma इस समस्या का समाधान प्रदान करती है। यह तकनीक सर्जरी के दौरान मस्तिष्क के टिश्यू का विश्लेषण करती है और यह पहचानती है कि कौन सा टिश्यू कैंसरयुक्त है और कौन सा स्वस्थ है। यह तकनीक पारंपरिक तरीकों की तुलना में बहुत अधिक सटीक और तेज है।
क्यों है यह एक बड़ी उपलब्धि?
यह तकनीक मस्तिष्क के ट्यूमर के इलाज में एक क्रांति ला सकती है। इससे सर्जन अधिक सटीक रूप से ट्यूमर को हटा सकते हैं और मरीजों के लिए बेहतर परिणाम प्राप्त कर सकते हैं। इससे मरीजों को कम दर्द होगा और उन्हें जल्दी ठीक होने में मदद मिलेगी।
आगे क्या होगा?
यह उम्मीद की जाती है कि FastGlioma तकनीक जल्द ही अस्पतालों में इस्तेमाल की जाएगी। यह तकनीक न केवल मस्तिष्क के ट्यूमर के इलाज में बल्कि अन्य प्रकार के कैंसर के इलाज में भी उपयोगी हो सकती है।