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EC के फैसले के खिलाफ हाई कोर्ट पहुंचे शिवसेना विधायक, कहा- मेरा वोट अमान्य घोषित करना गलत.

शिवसेना विधायक सुहास कांदे ने चुनाव आयोग के उस निर्णय के खिलाफ सोमवार को बंबई उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाया, जिसमें आयोग ने पिछले सप्ताह हुए राज्यसभा चुनाव में उनके वोट को अमान्य घोषित कर दिया था। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने कांदे पर चुनाव प्रक्रिया के उल्लंघन का आरोप लगाया था। अधिवक्ता अजिंक्य उडाने के माध्यम से दाखिल याचिका में कांदे ने कहा कि निर्वाचन आयोग के इस फैसले से उनकी गरिमा और प्रतिष्ठा को गंभीर नुकसान पहुंचा है। उन्होंने अदालत से आयोग के फैसले को रद्द करने का अनुरोध किया है।

न्यायमूर्ति धीरज सिंह ठाकुर की खंडपीठ के समक्ष किया और तत्काल सुनवाई का अनुरोध किया। कांदे ने अपनी याचिका में दावा किया कि 10 जून को महाराष्ट्र में छह सीटों के लिए हुए राज्यसभा चुनाव के दौरान, उन्होंने मतदान कक्ष (मुंबई में विधान भवन में) में जाकर मतदान किया और नियमानुसार बाहर आकर शिवसेना नेता और सचेतक सुनील प्रभु को मतपत्र दिखाया।

याचिकाकर्ता ने अन्य राजनीतिक दल के सचेतक को मतपत्र दिखाया?
आरोप तथ्यात्मक रूप से सही नहीं

याचिका में दावा किया गया कि मतदान केंद्र के प्रभारी चुनाव अधिकारी ने अपने निर्णय में कहा था कि सागर की ओर से लगाए गए आरोप तथ्यात्मक रूप से सही नहीं हैं और कांदे का वोट वैध था। याचिका के अनुसार, बाद में शाम को भाजपा के कई नेताओं ने इसी शिकायत को लेकर निर्वाचन आयोग के अधिकारियों से मुलाकात की।

याचिकाकर्ता (कांदे) को कोई नोटिस नहीं दिया गया और बिना उनका जवाब मांगे आयोग ने चुनाव अधिकारी के निर्णय में हस्तक्षेप किया और उनके वोट को अमान्य घोषित कर दिया। मालूम हो कि महाराष्ट्र में विपक्षी दल भाजपा ने राज्यसभा की छह में से तीन सीटों पर जीत दर्ज की थी जबकि सरकार में शामिल शिवसेना, राकांपा और कांग्रेस ने एक-एक सीट पर जीत दर्ज की।

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