रांची: झारखंड में राज्यसभा चुनाव के लिए महागठबंधन ने एक ही उम्मीदवार उतारने का फैसला किया है। दिल्ली में कांग्रेस प्रमुख सोनिया गांधी से मुलाकात के बाद मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने यह स्पष्ट किया। सोरेन ने कहा कि महागठबंधन में इसको लेकर किसी तरह का कोई संशय नहीं है।
शनिवार को झारखंड मुक्ति मोर्चा के विधायकों और पार्टी के वरिष्ठ पदाधिकारियों की एक बैठक रांची में मुख्यमंत्री सोरेन की अध्यक्षता में हुई। बैठक के बाद पार्टी नेताओं ने दावा किया कि झामुमो अपना उम्मीदवार उतारेगा। इसके बाद सीएम सोरेन दिल्ली रवाना हो गए। कांग्रेस ने भी अपना उम्मीदवार उतारने का दावा किया।
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष का मानना है : कांग्रेस का होगा उम्मीदवार
राजनीतिक घटनाक्रम में बदलाव के बीच, झारखंड प्रदेश कांग्रेस कमिटी के अध्यक्ष राजेश ठाकुर ने रविवार को ट्वीट कर कहा कि ‘आ रही है कांग्रेस’। हालांकि, महागठबंधन खेमे में उम्मीदवार को लेकर अभी भी तस्वीर साफ नहीं है। कांग्रेस के अंदरूनी सूत्रों के अनुसार, पार्टी दिल्ली से वरिष्ठ नेता अजय माकन, गुलाम नबी आज़ाद के नामों को लेकर झामुमो पर दबाव डाल रही है। वहीं, स्थानीय स्तर पर सुबोधकांत सहाय, फुरकान अंसारी और प्रदेश अध्यक्ष ठाकुर के नाम शामिल हैं।
निर्विरोध हो सकता है चयन
महागठबंधन के एक उम्मीदवार उतारने के दावे के बाद अब प्रदेश में निर्विरोध राज्यसभा चुनाव की संभावना बन रही है। ऐसी स्थिति में, महागठबंधन और विपक्षी बीजेपी के एक-एक उम्मीदवार के लिए उच्च सदन जाने का रास्ता साफ हो सकता है। राज्यसभा में जाने के लिए प्रथम वरीयता के 28 मतों की जरूरत है। सत्तारूढ़ महागठबंधन के पास झामुमो के 30 और कांग्रेस के 17 विधायकों के अलावा कुछ अन्य विधायकों का समर्थन भी है। वहीं, विपक्षी बीजेपी के पास 26 और आजसू पार्टी के 2 विधायकों के अलावा दो निर्दलीय विधायकों का समर्थन मिल सकता है।
सीएम के वापस लौटने के बाद हो सकती है नाम की घोषणा
मुख्यमंत्री सोरेन फिलहाल दिल्ली में हैं और रविवार शाम तक रांची लौटने की संभावना है। उनके वापस लौटने के बाद ही महागठबंधन के उम्मीदवार के नाम की घोषणा की जाएगी। बता दें कि राज्यसभा चुनाव में नामांकन दाखिल करने की अंतिम तारीख 31 जून है।