
रांची: झारखंड की राजनीति में एक अहम मोड़ लेते हुए झारखंड मुक्ति मोर्चा (जेएमएम) ने अपने 13वें महाअधिवेशन के दौरान हेमंत सोरेन को पार्टी का नया राष्ट्रीय अध्यक्ष चुना है। इस मौके पर उनके पिता और पार्टी के संस्थापक नेता शिबू सोरेन को ‘संस्थापक संरक्षक’ की जिम्मेदारी सौंपी गई। यह फैसला पार्टी की आंतरिक एकता को मजबूत करने और नेतृत्व को नई दिशा देने की मंशा से लिया गया।
महाअधिवेशन का आयोजन राजधानी रांची में किया गया, जहां पार्टी कार्यकर्ताओं और नेताओं की भारी मौजूदगी रही। मंच पर हेमंत सोरेन के साथ उनके पिता शिबू सोरेन, मां रूपी सोरेन और पत्नी कल्पना सोरेन भी उपस्थित थीं। यह दृश्य न केवल राजनीतिक शक्ति-संतुलन का प्रतीक था, बल्कि परिवारिक एकजुटता का भी एक संदेश था।
हेमंत सोरेन को अध्यक्ष बनाए जाने के बाद उन्होंने अपने माता-पिता का आशीर्वाद लिया और कहा कि वह उनके आदर्शों और संघर्ष की भावना को आगे बढ़ाएंगे। उन्होंने भरोसा दिलाया कि पार्टी की मूल विचारधारा और जनता से जुड़े मुद्दों को प्राथमिकता दी जाएगी। हेमंत ने कहा, “यह पद सिर्फ एक जिम्मेदारी नहीं, बल्कि झारखंड की जनता की उम्मीदों का प्रतिनिधित्व है।”
शिबू सोरेन ने भी इस मौके पर कहा कि अब समय है कि नई पीढ़ी नेतृत्व संभाले और झारखंड को विकास की नई ऊंचाइयों तक ले जाए। उन्होंने कहा, “हमने जो संघर्ष शुरू किया था, वह अभी अधूरा है। हेमंत और युवा कार्यकर्ता उस आंदोलन को आगे बढ़ाएंगे।”
पार्टी सूत्रों का कहना है कि इस बदलाव के पीछे संगठन में नई ऊर्जा भरने की सोच है, ताकि आने वाले चुनावों में पार्टी और अधिक मजबूत होकर उभरे। इस फैसले के साथ जेएमएम ने यह स्पष्ट कर दिया है कि वह परिवार और पार्टी, दोनों के संतुलन के साथ आगे बढ़ने को तैयार है।