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वक्फ (संशोधन) बिल के विरोध में ओवैसी का प्रदर्शन, लोकसभा में बिल की कॉपी फाड़ी.

नई दिल्ली: एआईएमआईएम प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने लोकसभा में वक्फ (संशोधन) बिल, 2025 के खिलाफ प्रतीकात्मक विरोध दर्ज कराया।

उन्होंने बिल की प्रति फाड़कर अपने गुस्से का इजहार किया।

ओवैसी ने सरकार पर साधा निशाना
ओवैसी ने इस बिल को मुस्लिम समुदाय के अधिकारों पर हमला बताया।

उन्होंने कहा कि यह कानून वक्फ संपत्तियों को कमजोर करने के लिए लाया गया है।

लोकसभा में अपनी बहस के दौरान उन्होंने महात्मा गांधी का उदाहरण दिया।

उन्होंने कहा कि गांधीजी ने दक्षिण अफ्रीका में नस्लीय भेदभाव के खिलाफ जिस तरह लड़ाई लड़ी थी, वही हालात अब भारत में बनाए जा रहे हैं।

सरकार अल्पसंख्यकों को निशाना बना रही है और उनके संवैधानिक अधिकार छीनने का प्रयास कर रही है।

बिल को बताया संविधान विरोधी
ओवैसी ने कहा कि यह बिल भारतीय संविधान की मूल भावना के खिलाफ है।

उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार वक्फ संपत्तियों को हड़पना चाहती है।

उन्होंने सरकार से पूछा कि क्या हिंदू धर्मस्थलों पर भी ऐसे ही कानून लागू होंगे?

ओवैसी ने दावा किया कि इस कानून से हजारों धार्मिक और सामाजिक संस्थाएं प्रभावित होंगी।

उन्होंने बिल को ‘लोकतंत्र के लिए खतरा’ करार दिया।

मुस्लिम समुदाय के योगदान की दिलाई याद
ओवैसी ने मुस्लिम समुदाय के स्वतंत्रता संग्राम में योगदान को याद किया।

उन्होंने कहा कि 1857 की क्रांति से लेकर स्वतंत्रता आंदोलन तक मुसलमानों ने कुर्बानियां दीं।

उन्होंने 2 लाख उलेमा की शहादत का हवाला दिया।

सरकार पर आरोप लगाया कि वह इतिहास को तोड़-मरोड़कर पेश कर रही है।

बिल के खिलाफ विरोध जारी रखने की चेतावनी
ओवैसी ने कहा कि यह केवल एक शुरुआत है, वह संसद के बाहर भी इस बिल का विरोध करेंगे।

उन्होंने सरकार से मांग की कि बिल को वापस लिया जाए।

उन्होंने कहा कि इस कानून से अल्पसंख्यकों के धार्मिक अधिकार खतरे में पड़ सकते हैं।

उन्होंने विपक्षी दलों से भी अपील की कि वे इस बिल के खिलाफ एकजुट हों।

बिल के पास होने के बावजूद, कानूनी लड़ाई जारी रखने की बात कही।

उन्होंने कहा कि यह बिल ऐतिहासिक भूल साबित होगा।

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