कोलकाता: पश्चिम बंगाल में तृणमूल कांग्रेस द्वारा ‘फर्जी वोटरों’ के मुद्दे को उठाने के बाद चुनाव आयोग ने ‘भूतिया वोटरों’ का पता लगाने के लिए अपनी सॉफ्टवेयर में नया विकल्प जोड़ने का फैसला किया है।
सोमवार को एक अधिकारी ने बताया कि यह नया विकल्प चुनाव पंजीकरण अधिकारियों (EROs) को यह जांचने में मदद करेगा कि किसी विशेष EPIC नंबर पर कई नाम दर्ज हैं या नहीं।

अधिकारी ने बताया कि चुनाव आयोग ने इस फैसले के बारे में सभी राज्यों के मुख्य चुनाव अधिकारियों को सूचित कर दिया है।
सोमवार को मुख्य चुनाव अधिकारियों को एक पत्र भेजा गया, जिसमें ‘डुप्लीकेट EPIC नंबर’ को सुधारने के लिए एक नए मॉड्यूल के बारे में बताया गया।
इस नए मॉड्यूल के माध्यम से फर्जी वोटरों की पहचान करना आसान हो जाएगा।
इससे पहले तृणमूल कांग्रेस ने राज्य में ‘फर्जी वोटरों’ के मुद्दे पर चुनाव आयोग से शिकायत की थी।
तृणमूल कांग्रेस का आरोप था कि राज्य में बड़ी संख्या में ऐसे वोटर हैं, जिनके नाम अलग-अलग क्षेत्रों में दर्ज हैं।
इस नए मॉड्यूल के तहत EPIC नंबरों का ऑडिट किया जाएगा और संदेहास्पद नामों को हटाने की प्रक्रिया अपनाई जाएगी।
चुनाव आयोग का कहना है कि यह कदम निष्पक्ष और पारदर्शी चुनाव सुनिश्चित करने के लिए उठाया गया है।
आयोग ने सभी राज्यों के चुनाव अधिकारियों से इस प्रक्रिया को जल्द शुरू करने को कहा है।