
कोझीकोड मेडिकल कॉलेज अस्पताल में 106 दिनों तक धरना देने के बाद सरकार ने इस मामले की जांच जारी रखने की अनुमति दे दी है।
हर्षिना का कहना है कि वह इस मामले में न्याय पाने तक अपनी लड़ाई जारी रखेंगी। उन्होंने कहा कि इस घटना ने उनके जीवन को पूरी तरह से बदल दिया है और उन्हें मानसिक और शारीरिक दोनों तरह से काफी परेशानी हुई है।
हर्षिना के साथ हुई इस घटना ने देश भर में चिकित्सा लापरवाही के मुद्दे को उठाया है। इस मामले ने लोगों को यह सोचने पर मजबूर किया है कि क्या हमारे अस्पतालों में मरीजों की सुरक्षा सुनिश्चित की जा रही है।
यह खबर क्यों महत्वपूर्ण है? यह खबर चिकित्सा क्षेत्र में पारदर्शिता और जवाबदेही की मांग को उजागर करती है। यह मामला यह भी दिखाता है कि एक व्यक्ति अपने अधिकारों के लिए कैसे लड़ सकता है।