इस हादसे के बाद बड़े पैमाने पर खोज और बचाव अभियान (SAR ऑपरेशन) चलाया गया।
नौसेना और कोस्ट गार्ड की टीमें हेलीकॉप्टर और नौकाओं की मदद से लापता लोगों की तलाश में जुटी थीं। अधिकारियों ने बताया कि समुद्र में तेज लहरों और खराब मौसम के कारण बचाव कार्य में कठिनाई हुई।
हादसा उस समय हुआ जब एक फेरी नाव और नौसेना के जहाज के बीच टक्कर हो गई। फेरी में सवार लोगों में से कई समुद्र में गिर गए। अब तक 15 शव बरामद किए जा चुके हैं, जबकि कई अन्य लोग गंभीर रूप से घायल हुए हैं।
मृतकों में महिलाएं और बच्चे भी शामिल हैं। इस घटना के बाद परिवार वालों में शोक का माहौल है।
महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने घटना पर गहरा दुख व्यक्त किया है और प्रभावित परिवारों को हर संभव सहायता का आश्वासन दिया है। उन्होंने अधिकारियों को राहत कार्य तेज करने के निर्देश दिए।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी हादसे पर शोक व्यक्त किया है और घायलों के जल्द स्वस्थ होने की कामना की है। उन्होंने मृतकों के परिजनों के लिए मुआवजे की घोषणा की।
इस हादसे ने समुद्री यात्रा की सुरक्षा को लेकर कई सवाल खड़े कर दिए हैं। विशेषज्ञों ने इसे प्रशासनिक लापरवाही का नतीजा बताया है।
सरकार ने भविष्य में ऐसे हादसों को रोकने के लिए नए दिशानिर्देश लागू करने की बात कही है।