मुख्य बिंदु:
बैठक में मुख्यमंत्री के सलाहकार नसीर असलम वानी, मुख्य सचिव अतुल दुल्लो, और अन्य वरिष्ठ अधिकारी शामिल हुए।
बैठक में हाई कोर्ट, अधीनस्थ अदालतें, एडवोकेट जनरल का कार्यालय और विधानसभा की कार्यप्रणाली पर चर्चा हुई।
ई-स्टांपिंग, ई-कोर्ट्स, और ई-कोर्ट फीस जैसी योजनाओं की प्रगति की समीक्षा की गई।
मुख्यमंत्री ने नेशनल ई-विधान एप्लिकेशन (NeVA) को आगामी बजट सत्र से पहले लागू करने के निर्देश दिए।
श्रीनगर में 908 करोड़ रुपये की नई हाई कोर्ट कॉम्प्लेक्स परियोजना की प्रगति की समीक्षा की गई।
परियोजना के समय पर पूरा होने पर जोर दिया गया।
न्यायालयों में स्वीकृत पदों, लंबित मुकदमों और अधिकारियों की नियुक्ति पर भी चर्चा की गई।
विभाग की 2023-24 की उपलब्धियों का भी सारांश प्रस्तुत किया गया।
मुख्यमंत्री ने केंद्र सरकार के कानून और संसदीय मामलों के मंत्रालय से तालमेल बढ़ाने के निर्देश दिए।
सरकारी अधिसूचनाओं की जांच और कानूनों के वर्गीकरण पर भी विचार-विमर्श किया गया।
सरकार की प्राथमिकताएं:
11. न्यायपालिका को मजबूत करना और विधायी प्रक्रियाओं को आधुनिक बनाना सरकार का उद्देश्य है।
12. लंबित मामलों को तेजी से निपटाने के लिए तकनीकी उपायों पर जोर दिया गया।
13. श्रीनगर हाई कोर्ट परियोजना को समयबद्ध तरीके से पूरा करने के निर्देश दिए गए।
14. ई-गवर्नेंस के तहत NeVA के प्रभावी कार्यान्वयन पर जोर दिया गया।
15. न्यायिक और विधायी सुधारों में पारदर्शिता लाने के प्रयासों की सराहना की गई।
भविष्य की दिशा:
16. न्यायपालिका के डिजिटलीकरण से प्रशासनिक प्रक्रिया में सुधार होगा।
17. बैठक सरकार की न्याय और विधायिका को आधुनिक और सुलभ बनाने की प्रतिबद्धता को दर्शाती है।
18. सरकारी विभागों के समन्वय और नीति निर्माण की दिशा में ठोस कदम उठाए गए।
19. नई हाई कोर्ट परियोजना के पूरा होने से बुनियादी ढांचे में बड़ा सुधार होगा।
20. विधायी और न्यायिक सुधार क्षेत्र में प्रगति के संकेत दिए गए।