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सरकार ने बताया, अश्लील विज्ञापनों के खिलाफ पिछले तीन सालों में 73 शिकायतें दर्ज.
पिछले तीन वर्षों में निजी टेलीविजन चैनलों पर अश्लील और भद्दे विज्ञापनों के खिलाफ 73 शिकायतें दर्ज की गई हैं।
सूचना एवं प्रसारण राज्य मंत्री एल मुरुगन ने यह जानकारी राज्यसभा में लिखित जवाब में दी। उन्होंने बताया कि इन शिकायतों का समाधान तीन-स्तरीय शिकायत निवारण प्रणाली के तहत किया गया।
मुख्य बिंदु:
- तीन-स्तरीय प्रणाली:
- ब्रॉडकास्टर्स द्वारा स्वयं नियमन।
- ब्रॉडकास्टर्स की स्व-नियामक संस्थाओं द्वारा निगरानी।
- केंद्र सरकार की निगरानी तंत्र।
- उठाए गए कदम:
- शिकायतों पर उपयुक्त कार्रवाई की गई।
- उल्लंघन पर एडवाइजरी, चेतावनी, ‘माफीनामा स्क्रोल’ और ‘ऑफ-एयर ऑर्डर’ जैसे आदेश दिए गए।
- ओटीटी प्लेटफॉर्म्स पर नियम:
- आईटी (मध्यस्थ दिशा-निर्देश और डिजिटल मीडिया आचार संहिता) नियम, 2021 के तहत कोड ऑफ एथिक्स का पालन अनिवार्य।
- कंटेंट का आयु आधारित वर्गीकरण और अनुपयुक्त सामग्री से बच्चों को बचाने के लिए पर्याप्त सुरक्षा उपाय लागू।
- कंटेंट का वर्गीकरण:
- पांच श्रेणियों में कंटेंट को वर्गीकृत किया जाता है।
- इसमें विषय के समय और समकालीन मानकों का ध्यान रखा जाता है।
- मंत्री का बयान:
- ओटीटी प्लेटफॉर्म्स को यह सुनिश्चित करना होगा कि कोई भी गैरकानूनी सामग्री प्रसारित न हो।
- बच्चों के लिए अनुचित सामग्री पर रोक लगाने के लिए प्रभावी उपाय अनिवार्य।
- आधिकारिक कार्रवाई:
- यदि नियमों का उल्लंघन पाया जाता है, तो संबंधित प्लेटफॉर्म को तुरंत कार्रवाई के निर्देश दिए जाते हैं।