40 मर्डर करने वाली रूस की खूंखार स्नाइपर गिरफ्तार:नन से बनी थी शूटर, जंग में जख्मी हुई तो साथियों ने उसको छोड़ा-यूक्रेनी सेना ने पकड़ा,रूस और यूक्रेन के बीच जंग अब भी जारी है, जहाँ युद्धक्षेत्र में लगातार बंदूकें मौत का कहर बरपा रही हैं।

फाइटर प्लेन्स आवासीय इलाकों को तबाह कर रहे हैं और यूक्रेन के शहरों में जीवन की जगह मौत का सन्नाटा पसरा है। दोनों देशों के बीच बातचीत की तमाम कोशिशें विफल रही हैं।
इसी बीच, यूक्रेनी सेना ने युद्धग्रस्त डोनबास से एक ऐसी महिला को पकड़ लिया है जिसकी उन्हें लंबे समय से तलाश थी। यह कोई साधारण महिला नहीं बल्कि रूसी सेना की सबसे खतरनाक स्नाइपर इरीना स्टारिकोवा है। इरीना की बंदूक से अब तक 40 से ज्यादा यूक्रेनी नागरिकों की जान जा चुकी है, जिसमें सैनिकों के साथ-साथ महिलाएं और बच्चे भी शामिल हैं। रूस की इस महिला शार्प शूटर को पकड़ना यूक्रेनी सेना के लिए एक बड़ी सफलता मानी जा रही है।
इरीना स्टारिकोवा 2014 से ही यूक्रेन के खिलाफ लड़ रही हैं। दोनों देशों के बीच सीधी लड़ाई शुरू होने से पहले ही वह अलगाववादियों के साथ मिलकर यूक्रेनी सेना को निशाना बना रही थीं। इस खतरनाक महिला सैनिक की तलाश यूक्रेन को लंबे समय से थी। युद्ध के मैदान में पकड़ने के बाद शुरू में यूक्रेनी सैनिक उन्हें पहचान नहीं पाए थे। उन्हें एक साधारण महिला सैनिक समझकर अस्पताल में भर्ती करा दिया। लेकिन पूछताछ के दौरान सारी सच्चाई सामने आई।
इरीना युद्ध के मैदान में घायल हो गई थीं, जिसके बाद रूसी सैनिकों ने उन्हें मरने के लिए छोड़ दिया। रूसी सैनिक उन्हें छोड़कर आगे बढ़ गए, लेकिन यूक्रेनी सैनिकों ने समय रहते उन्हें देख लिया। फिलहाल उनका अस्पताल में इलाज चल रहा है।
स्थानीय मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, इरीना सार्बिया की मूल निवासी हैं और रूसी सेना में शामिल होने से पहले वह एक नन थीं। उनकी दो बेटियां हैं और उनका पति से तलाक हो चुका है। इरीना के पकड़े जाने के बाद यूक्रेनी सुरक्षा बलों ने सोशल मीडिया पर इसकी पुष्टि की है।
रूस में महिला स्नाइपर्स का इतिहास शुरू से ही प्रभावशाली रहा है। द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान ‘लेडी डेथ’ के नाम से मशहूर सोवियत महिला सैनिक ल्यूडमिला पावलिचेंको ने दुश्मन सेना के 309 सैनिकों को मार गिराया था। इसी प्रकार, 1941 में सोवियत संघ पर हिटलर के हमले के बाद, मात्र 17 वर्ष की शार्प शूटर येलिजावेटा मिरोनोव ने 100 से अधिक नाजियों को मौत के घाट उतार दिया था। सोवियत संघ में महिला स्नाइपर्स को प्रशिक्षित करने के लिए मॉस्को के पास विशेष ट्रेनिंग सेंटर बनाया गया था।