लखीमपुर खीरी हिंसा मामले के आरोपी आशीष मिश्रा की जमानत का मामला पेचीदा होता जा रहा है। सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर एसआईटी की निगरानी कर रहे हाईकोर्ट के रिटायर्ड जज राकेश कुमार जैन ने आशीष मिश्रा की जमानत रद्द करने की सिफारिश की है और इस संदर्भ में यूपी सरकार को पत्र लिखा है। सुप्रीम कोर्ट ने आशीष मिश्रा की जमानत निरस्त करने की अर्जी पर अगली सुनवाई 4 अप्रैल को तय की है।
सुप्रीम कोर्ट द्वारा गठित समिति ने भी जमानत रद्द कराने के लिए इसे चुनौती देने की सिफारिश की थी। बुधवार की सुनवाई के दौरान शीर्ष कोर्ट ने यूपी सरकार से पूछा कि निगरानी समिति की सिफारिश के बावजूद जमानत को चुनौती क्यों नहीं दी गई। समिति ने यूपी सरकार से आग्रह किया था कि वह आशीष मिश्रा को जमानत देने के इलाहाबाद हाईकोर्ट के फैसले को चुनौती दे।
लखीमपुर खीरी हिंसा मामले में केंद्रीय मंत्री अजय मिश्रा टेनी के बेटे आशीष मिश्रा को हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच ने जमानत दी थी। आशीष मिश्रा को जमानत उसी दिन मिली थी, जब उत्तर प्रदेश में पहले चरण का मतदान शुरू हुआ था। उन्हें 124 दिन बाद जमानत मिली थी। आशीष मिश्रा को 9 अक्टूबर, 2021 को लखीमपुर खीरी कांड में गिरफ्तार किया गया था, जिसमें चार किसान और एक पत्रकार की मौत हो गई थी। 3 अक्टूबर को हुई इस घटना में एसआईटी द्वारा दायर आरोप पत्र में आशीष मिश्रा को मुख्य आरोपी घोषित किया गया था।
भारतीय किसान यूनियन के नेता राकेश टिकैत ने कहा कि वे आशीष मिश्रा की जमानत के खिलाफ कोर्ट जाएंगे और किसानों को इंसाफ दिलाने का प्रयास करेंगे।