नई दिल्ली: रूस के राजदूत डेनिस अलीपोव ने शनिवार को कहा कि उनका देश 9 मई को विजय दिवस मनाने के लिए मास्को में भव्य समारोहों और दिल्ली तथा भारत के कई शहरों में कार्यक्रमों की योजना बना रहा है।
रूस ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को मास्को में होने वाले समारोहों में भाग लेने के लिए आमंत्रित किया है, जो द्वितीय विश्व युद्ध में नाजी जर्मनी पर सोवियत संघ की जीत की 80वीं वर्षगांठ का प्रतीक होगा।

राजदूत अलीपोव ने मीडिया से बातचीत करते हुए कहा कि इस वर्ष का विजय दिवस रूस के लिए विशेष महत्व रखता है, क्योंकि यह द्वितीय विश्व युद्ध में रूस की महान जीत की 80वीं वर्षगांठ है। रूस में इस अवसर को विजय दिवस के रूप में मनाया जाता है।
उन्होंने बताया कि 9 मई को मास्को में इस बड़े उत्सव को मनाने के लिए कई कार्यक्रमों की श्रृंखला आयोजित की जाएगी और रूस एक उच्च-स्तरीय भारतीय प्रतिनिधिमंडल का स्वागत करने के लिए उत्सुक है। अलीपोव ने यह भी उल्लेख किया कि भारत में भी दिल्ली और अन्य शहरों में विजय दिवस के उपलक्ष्य में विभिन्न कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे, जिनमें रूसी दूतावास और सांस्कृतिक केंद्र सक्रिय रूप से भाग लेंगे।
रूस और भारत के बीच ऐतिहासिक रूप से मजबूत और मैत्रीपूर्ण संबंध रहे हैं, और द्वितीय विश्व युद्ध में सोवियत संघ की जीत ने वैश्विक इतिहास को आकार देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। रूस इस महत्वपूर्ण अवसर को भारत के साथ मिलकर मनाना चाहता है, जो दोनों देशों के बीच गहरे सांस्कृतिक और राजनीतिक संबंधों को दर्शाता है।
प्रधानमंत्री मोदी को भेजा गया निमंत्रण दोनों देशों के बीच उच्च-स्तरीय आदान-प्रदान की निरंतरता को दर्शाता है। हालांकि, यह अभी तक स्पष्ट नहीं है कि प्रधानमंत्री मोदी मास्को में होने वाले समारोहों में भाग लेंगे या नहीं। इस संबंध में भारत सरकार की ओर से कोई आधिकारिक बयान जारी नहीं किया गया है।
विजय दिवस रूस में एक महत्वपूर्ण राष्ट्रीय अवकाश है, जो द्वितीय विश्व युद्ध में नाजी जर्मनी पर सोवियत संघ की जीत की याद दिलाता है। इस दिन मास्को के रेड स्क्वायर पर एक भव्य सैन्य परेड आयोजित की जाती है, जिसमें रूसी सेना अपनी सैन्य शक्ति का प्रदर्शन करती है।
भारत और रूस के बीच रक्षा, ऊर्जा और व्यापार सहित विभिन्न क्षेत्रों में रणनीतिक साझेदारी है। दोनों देश विभिन्न अंतरराष्ट्रीय मंचों पर भी एक-दूसरे का समर्थन करते रहे हैं।