
उन्होंने कहा कि यह विधेयक पारदर्शिता और समावेशी विकास को मजबूती देगा।
मुख्य बातें:
पीएम मोदी ने वक्फ बिल को बताया सामाजिक न्याय की दिशा में बड़ा कदम।
विधेयक को लोकसभा और राज्यसभा दोनों में बहस के बाद पारित किया गया।
बिल का मकसद वक्फ संपत्तियों के प्रबंधन में पारदर्शिता बढ़ाना है।
सरकार को वक्फ संपत्तियों की निगरानी में ज्यादा अधिकार दिए गए हैं।
पीएम मोदी BIMSTEC सम्मेलन के लिए थाईलैंड दौरे पर हैं।
उन्होंने X (पूर्व में ट्विटर) पर इस विधेयक की प्रशंसा की।
उन्होंने लिखा, “वंचितों को मिलेगा हक और आवाज़”।
यह कदम मुस्लिम समुदाय के उन तबकों के लिए है जो अब तक हाशिए पर रहे हैं।
प्रधानमंत्री ने इसे समावेशी विकास की दिशा में मील का पत्थर बताया।
बिल पर दो दिन तक संसद में आधी रात तक चली बहस।
राजनीतिक प्रतिक्रिया:
विपक्ष ने बिल को लेकर कड़ी आपत्ति जताई।
कांग्रेस और अन्य दलों ने इसे संविधान विरोधी करार दिया।
सरकार ने कहा – बिल का उद्देश्य धार्मिक भावना को ठेस पहुंचाना नहीं है।
केंद्रीय मंत्री किरेन रिजिजू ने राज्यसभा में बिल पेश किया।
बिल में सभी मुस्लिम समुदायों को वक्फ बोर्ड में शामिल करने का प्रावधान।
वक्फ संपत्तियों की संख्या 2004 में 4.9 लाख थी, अब बढ़कर 8.72 लाख हो गई है।
बिल में अनियमितताओं को रोकने पर विशेष जोर।
सरकार का दावा – इससे बेहतर प्रबंधन और जवाबदेही सुनिश्चित होगी।
बिल के पक्ष में लोकसभा में 288 वोट पड़े, जबकि विरोध में 232 वोट।
यह विधेयक अब राष्ट्रपति की मंजूरी के बाद कानून बनेगा।