
सरकार ने 3.9 करोड़ से अधिक लोगों की खाद्य सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए राशन कार्ड धारकों को अनुदानित दर पर खाद्यान्न उपलब्ध कराने की योजना को मजबूती से लागू करने का निर्णय लिया है। इस योजना के तहत लाभार्थियों को कम कीमत पर चावल, गेहूं और अन्य जरूरी खाद्य सामग्री दी जाएगी।
गरीबों को राहत देने की पहल
राज्य सरकार ने इस योजना को और प्रभावी बनाने के लिए कई नए प्रावधान जोड़े हैं। सरकारी प्रवक्ता के अनुसार, सरकार यह सुनिश्चित करेगी कि सभी पात्र परिवारों को समय पर और पर्याप्त मात्रा में अनाज मिले। इस फैसले से झारखंड के आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग को बड़ी राहत मिलेगी, खासकर उन लोगों को जो दैनिक मजदूरी पर निर्भर हैं।
खाद्य आपूर्ति में पारदर्शिता पर जोर
सरकार ने यह भी सुनिश्चित करने के लिए कदम उठाए हैं कि खाद्य आपूर्ति में किसी भी प्रकार की गड़बड़ी न हो। राशन वितरण प्रणाली को पारदर्शी बनाने के लिए डिजिटल मोड अपनाया जा रहा है, जिससे लाभार्थियों को सीधे उनके अधिकार का अनाज मिले और बिचौलियों की भूमिका खत्म हो। इसके अलावा, सरकार मोबाइल एप और पोर्टल के माध्यम से भी राशन वितरण की निगरानी करेगी।
लाभार्थियों की संख्या में होगा इजाफा
सरकार ने संकेत दिया है कि इस योजना का दायरा बढ़ाया जाएगा, जिससे और अधिक जरूरतमंद परिवारों को इसका लाभ मिल सके। फिलहाल राज्य में लाखों परिवार इस योजना के तहत पंजीकृत हैं, लेकिन सरकार का लक्ष्य है कि कोई भी पात्र व्यक्ति खाद्य सुरक्षा से वंचित न रहे।
जनता ने किया फैसले का स्वागत
सरकार के इस फैसले से राज्य के गरीब परिवारों में खुशी है। दिहाड़ी मजदूरी करने वाले लोगों ने इसे एक बड़ी राहत बताया। रांची के एक मजदूर ने कहा, “हमारी आमदनी सीमित है, लेकिन सरकार के इस कदम से हमें कम कीमत पर राशन मिलेगा, जिससे परिवार चलाना आसान होगा।”
निष्कर्ष
झारखंड सरकार का यह फैसला राज्य के गरीब और जरूरतमंद लोगों के लिए बड़ी राहत लेकर आया है। खाद्य सुरक्षा सुनिश्चित करने की यह पहल समाज के कमजोर तबकों को सशक्त बनाएगी और भुखमरी की समस्या को कम करने में मदद करेगी।