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दिल्ली सरकार के स्कूल प्राइवेट स्कूलों के बराबर: मुख्यमंत्री आतिशी.
नई दिल्ली: दिल्ली की सरकार के स्कूल अब प्राइवेट स्कूलों के बराबर खड़े हैं, जो 10 साल पहले एक सपना लगता था।
यह संभव हुआ है क्योंकि आम आदमी पार्टी (AAP) सरकार ने शिक्षा को प्राथमिकता दी है। मुख्यमंत्री आतिशी ने मंगलवार को मुकुंदपुर गांव स्थित राजकीय बालिका वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय में चार मंजिला शैक्षणिक भवन का उद्घाटन किया।
मुख्य बिंदु:
- आतिशी ने कहा कि यह नया स्कूल भवन “प्राइवेट स्कूलों से भी अधिक शानदार” है।
- पहले एक कक्षा में 80 छात्र होते थे, जिससे पढ़ाई की गुणवत्ता प्रभावित होती थी।
- नए भवन से शिक्षा के स्तर में सुधार होगा और छात्रों को बेहतर सुविधाएं मिलेंगी।
- भवन में 36 क्लासरूम, तीन अत्याधुनिक प्रयोगशालाएं और प्रधानाचार्य का कार्यालय शामिल है।
- यह स्कूल सामता विहार और मुकुंदपुर गांव के करीब 1,000 छात्रों के लिए लाभकारी होगा।
- मुख्यमंत्री कार्यालय के अनुसार, पिछले 10 वर्षों में दिल्ली सरकार ने 22,000 से अधिक क्लासरूम बनाए हैं।
- आतिशी ने कहा कि उन्होंने खुद बड़े प्राइवेट स्कूल में पढ़ाई की है लेकिन इतनी अच्छी भूगोल लैब वहां भी नहीं थी।
- उन्होंने कहा कि आज छात्रों को ऐसे मॉडल और उपकरण उपलब्ध हैं, जो पहले सिर्फ किताबों में पढ़े जाते थे।
- छात्रों के आत्मविश्वास की सराहना करते हुए उन्होंने कहा कि पहले छात्रों को लैब उपकरण छूने तक की अनुमति नहीं होती थी।
- आतिशी ने कहा कि आज सरकार के स्कूलों में छात्र आत्मविश्वास से लैब उपकरणों का उपयोग करना सीख रहे हैं।
- यह बदलाव इसलिए संभव हुआ क्योंकि दिल्ली के लोगों ने ऐसी सरकार चुनी जो शिक्षा को प्राथमिकता देती है।
- AAP विधायक संजीव झा ने कहा कि यह नया भवन मॉडल टाउन और आदर्श नगर जैसे स्कूलों का बोझ कम करेगा।
- उन्होंने बताया कि मुकुंदपुर के कई छात्र इन स्कूलों में पढ़ने के लिए जाते थे।
- नए भवन के निर्माण से छात्रों को स्थानीय स्तर पर बेहतर शिक्षा सुविधा मिलेगी।
- उन्होंने इसे शिक्षा क्षेत्र में “एक महत्वपूर्ण उपलब्धि” बताया।
- नए भवन से छात्रों को आधुनिक सुविधाएं और बेहतर माहौल मिलेगा।
- यह स्कूल शिक्षा के क्षेत्र में दिल्ली सरकार की प्रतिबद्धता को दर्शाता है।
- नए क्लासरूम और लैब्स से छात्रों का सीखने का अनुभव और बेहतर होगा।
- दिल्ली सरकार का लक्ष्य सरकारी स्कूलों को प्राइवेट स्कूलों से भी बेहतर बनाना है।
- यह कदम छात्रों के भविष्य को संवारने और शिक्षा को सुलभ बनाने की दिशा में एक बड़ी सफलता है।