इस योजना के तहत, दिल्ली सरकार को शहर के अंदर बीएस-IV या उससे पुराने मानकों वाले डीजल मोटर वाहनों पर प्रतिबंध लगाने का निर्देश दिया गया है। हालांकि, आवश्यक सामान या सेवाएं ले जाने वाले वाहन इस प्रतिबंध से मुक्त रहेंगे। यह प्रतिबंध योजना के तीसरे चरण के तहत लागू होगा।
यह फैसला दिल्ली-एनसीआर में बढ़ते वायु प्रदूषण को देखते हुए लिया गया है। वायु प्रदूषण स्वास्थ्य के लिए बहुत हानिकारक है और यह कई बीमारियों का कारण बन सकता है। इसीलिए सरकार ने वायु प्रदूषण को कम करने के लिए कई कड़े कदम उठाए हैं।
नई योजना के तहत, दिल्ली सरकार को कई अन्य कदम भी उठाने होंगे। इनमें मशीनी सफाई को बढ़ावा देना, एंटी-स्मॉग गन का इस्तेमाल करना, पानी का छिड़काव करना, वाहनों के लिए पीयूसी मानदंडों को लागू करना, डीजी सेटों पर नियंत्रण करना और पुराने वाहनों को हटाना शामिल हैं।
यह उम्मीद की जाती है कि इन कदमों से दिल्ली-एनसीआर में वायु प्रदूषण में काफी कमी आएगी। हालांकि, वायु प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए सभी को मिलकर काम करना होगा।