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बल्लारी में पांच महिलाओं की प्रसव के बाद मौत, मुख्यमंत्री ने मुआवजा बढ़ाकर ₹5 लाख किया.

बल्लारी: कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने बल्लारी मेडिकल कॉलेज और रिसर्च सेंटर (BMCRC) में प्रसव के बाद जटिलताओं से हुई पांच महिलाओं की मौत के लिए उनके परिवारों को ₹5 लाख मुआवजा देने की घोषणा की।

इन घटनाओं ने राज्य में स्वास्थ्य सेवाओं और दवाओं की गुणवत्ता को लेकर गंभीर चिंताएं पैदा कर दी हैं।

मृतकों के परिवारों के लिए मुआवजा:
शुरुआत में ₹2 लाख मुआवजे की घोषणा की गई थी, जिसे मुख्यमंत्री ने बढ़ाकर ₹5 लाख कर दिया।

जन कल्याण सम्मेलन में घोषणा:
यह घोषणा मुख्यमंत्री ने सांडूर में आयोजित जन कल्याण सम्मेलन के दौरान की।

घटनाओं की पृष्ठभूमि:
मौतें पिछले एक महीने के दौरान हुईं और इनका कारण घटिया दवाओं का इस्तेमाल बताया जा रहा है।

मुख्यमंत्री की प्रतिक्रिया:
सिद्धारमैया ने इसे चिंताजनक स्थिति बताते हुए कहा कि सरकार दोषियों को नहीं बख्शेगी।

दवा नियंत्रक निलंबित:
कर्नाटक ड्रग कंट्रोलर उमेश एस को निलंबित कर दिया गया है।

फार्मा कंपनी पर कार्रवाई:
पश्चिम बंगाल की एक फार्मास्युटिकल कंपनी के खिलाफ कानूनी कार्यवाही शुरू की गई है।

दवाओं की गुणवत्ता पर सवाल:
मौतों का कारण खराब गुणवत्ता वाले ‘रिंगर लैकटेट सॉल्यूशन’ का उपयोग माना जा रहा है।
स्थानीय विधायक की प्रतिक्रिया:
स्थानीय विधायक अन्नपूर्णा तुकाराम ने कहा, “यह घटना स्वास्थ्य आपूर्ति में सख्त गुणवत्ता नियंत्रण की जरूरत को दर्शाती है।”

प्रभावित परिवारों के लिए सहानुभूति:
“यह नुकसान अपूरणीय है, लेकिन हमें उम्मीद है कि मुआवजा कुछ राहत देगा,” विधायक ने कहा।

स्वास्थ्य विभाग की कार्रवाई:
स्वास्थ्य विभाग ने पूरे राज्य में मेडिकल सप्लाई की गुणवत्ता जांचने का आदेश दिया।

राजनीतिक संदर्भ:
यह घोषणा सांडूर उपचुनाव में कांग्रेस उम्मीदवार अन्नपूर्णा तुकाराम की जीत के लिए धन्यवाद सभा के दौरान की गई।

सरकार की प्रतिबद्धता:
मुख्यमंत्री ने बिना किसी भेदभाव के कल्याणकारी योजनाओं को लागू करने की बात दोहराई।

जन सुरक्षा पर जोर:
उन्होंने जनता की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए सख्त कदम उठाने की बात कही।

स्वास्थ्य संकट:
यह घटना राज्य के स्वास्थ्य क्षेत्र के लिए एक चेतावनी मानी जा रही है।

राजनीतिक प्रतिक्रियाएं:
विपक्ष ने भी राज्य सरकार से स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार की मांग की।

जनता की नाराजगी:
स्थानीय लोग दवाओं की गुणवत्ता को लेकर गुस्से में हैं।

स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार की मांग:
विशेषज्ञों ने स्वास्थ्य सेवाओं में सख्त निगरानी की जरूरत बताई।

सरकारी कदमों की सराहना:
कुछ स्थानीय नेताओं ने सरकार की कार्रवाई को सराहा।

भविष्य की योजना:
सरकार ने भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए सख्त कदम उठाने की बात कही।

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