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शरद पवार ने मकडवाड़ी गांव में बैलेट पेपर से वोटिंग की मांग पर चर्चा की.

सोलापुर: एनसीपी नेता शरद पवार रविवार को मकडवाड़ी गांव के दौरे पर पहुंचे।

उन्होंने ग्रामीणों के बैलेट पेपर से वोटिंग की मांग को लेकर चर्चा की।

मुख्य बिंदु:
बैलेट पेपर की मांग:

मकडवाड़ी गांव के लोगों ने ईवीएम पर सवाल उठाते हुए बैलेट पेपर से चुनाव कराने की मांग की।
प्रशासन ने इस मांग को खारिज कर दिया।
ग्रामीणों का विरोध:

प्रशासन के इनकार के बावजूद, ग्रामीणों ने 8 दिसंबर को बैलेट पेपर से चुनाव कराने का फैसला लिया।
इसके लिए उन्होंने प्रशासन से सहयोग की भी अपील की।
प्रशासन की कार्रवाई:

प्रशासन ने गांव में जनसभाओं पर रोक लगाई और कानून-व्यवस्था बनाए रखने के लिए कर्फ्यू लगाया।
पुलिस ने चेतावनी दी कि अगर वोटिंग हुई, तो इसके लिए जिम्मेदार लोगों पर आपराधिक मामले दर्ज किए जाएंगे।
पिछले चुनावों का विवाद:

2024 के विधानसभा चुनाव में मकडवाड़ी से एनसीपी (एससीपी) उम्मीदवार उत्तमराव जनकर मामूली अंतर से जीते थे।
ग्रामीणों का आरोप है कि ईवीएम से वोटिंग में गड़बड़ी हुई, जिससे जनकर को अपेक्षित जीत नहीं मिली।
बैलेट से दोबारा चुनाव की मांग:

जनकर ने बैलेट पेपर से पुनः चुनाव कराने की मांग की, जिसे प्रशासन ने अस्वीकार कर दिया।
ग्रामीणों ने खुद बैलेट पेपर से चुनाव कराने का फैसला लिया।
राजनीतिक माहौल:

महाविकास अघाड़ी और महायुति गठबंधन के बीच ईवीएम पर विवाद बढ़ता जा रहा है।
महाविकास अघाड़ी ने ईवीएम को लेकर अपनी आपत्ति पहले ही दर्ज कराई है।
शरद पवार की पहल:

शरद पवार ने मकडवाड़ी का दौरा कर ग्रामीणों से बातचीत की और उनकी मांग को समझने की कोशिश की।
उन्होंने प्रशासन से ग्रामीणों की समस्या का समाधान निकालने की अपील की।
ग्रामीणों का रुख:

ग्रामीणों ने बैलेट पेपर से वोटिंग को अपनी प्राथमिकता बताते हुए प्रशासन की नीतियों पर सवाल उठाए।
उनका कहना है कि ईवीएम पर भरोसा नहीं किया जा सकता।
आगे की स्थिति:

प्रशासन और ग्रामीणों के बीच इस मुद्दे को लेकर तनाव बना हुआ है।
शरद पवार के हस्तक्षेप से समाधान की उम्मीद जताई जा रही है।
चुनाव आयोग की भूमिका:

बैलेट पेपर की मांग पर चुनाव आयोग का क्या रुख होगा, यह देखना बाकी है।

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