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सुप्रीम कोर्ट ने पश्चिम बंगाल के भाजपा नेता कबीर शंकर बोस के खिलाफ यौन उत्पीड़न के मामले की जांच सीबीआई को सौंपी.

नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट ने पश्चिम बंगाल के भाजपा नेता कबीर शंकर बोस के खिलाफ यौन उत्पीड़न के एक मामले की जांच सीबीआई को सौंप दी है।

यह मामला 2020 में टीएमसी कार्यकर्ताओं पर कथित हमले और यौन उत्पीड़न से जुड़ा है जिसकी जांच पश्चिम बंगाल पुलिस कर रही थी।

सुप्रीम कोर्ट ने यह फैसला बोस की याचिका पर सुनाया, जिसमें उन्होंने आरोप लगाया था कि उनके खिलाफ राजनीतिक प्रतिद्वंद्विता के चलते झूठे आरोप लगाए गए हैं। उन्होंने मांग की थी कि इस मामले की जांच सीबीआई से करवाई जाए।

कोर्ट ने बोस के दावे को गंभीरता से लेते हुए यह फैसला सुनाया। कोर्ट ने कहा कि इस मामले में निष्पक्ष जांच के लिए सीबीआई सबसे उपयुक्त एजेंसी होगी।

यह मामला क्यों महत्वपूर्ण है:

  • राजनीतिक प्रतिद्वंद्विता: यह मामला पश्चिम बंगाल की राजनीति में तनाव को दर्शाता है, जहां भाजपा और तृणमूल कांग्रेस के बीच लगातार टकराव होता रहता है।
  • न्यायिक समीक्षा: सुप्रीम कोर्ट का यह फैसला यह दर्शाता है कि न्यायपालिका किसी भी पक्षपात के बिना न्याय सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध है।
  • सीबीआई की भूमिका: सीबीआई को इस मामले की जांच सौंपने से यह उम्मीद की जाती है कि जांच निष्पक्ष और पारदर्शी होगी।

मुख्य बिंदु:

  • सुप्रीम कोर्ट ने कबीर शंकर बोस के खिलाफ यौन उत्पीड़न के मामले की जांच सीबीआई को सौंपी
  • मामला 2020 में टीएमसी कार्यकर्ताओं पर कथित हमले से जुड़ा है
  • बोस ने आरोप लगाया था कि उनके खिलाफ झूठे आरोप लगाए गए हैं

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