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क्रैब नेबुला से आने वाली रेडियो तरंगों में ज़ेबरा पैटर्न की नई व्याख्या.

वैज्ञानिकों ने क्रैब नेबुला से आने वाली रेडियो तरंगों में दिखने वाले ज़ेबरा पैटर्न की पहेली को सुलझाने में एक बड़ी छलांग लगाई है।

मिखाइल मेदवेदेव के नए शोध के मुताबिक, इस अनोखे पैटर्न का कारण क्रैब पल्सर के चुंबकीय क्षेत्र में होने वाली कुछ खास घटनाएं हैं।

क्रैब नेबुला एक सुपरनोवा का अवशेष है और इसके केंद्र में एक पल्सर है। पल्सर एक तेजी से घूमता हुआ न्यूट्रॉन तारा होता है जो लगातार रेडियो तरंगें उत्सर्जित करता है। इन रेडियो तरंगों में एक ज़ेबरा जैसा पैटर्न होता है, जिसमें कई समानांतर धारियां होती हैं। यह पैटर्न वैज्ञानिकों के लिए लंबे समय से एक रहस्य बना हुआ था।

मेदवेदेव के शोध से पता चलता है कि यह पैटर्न पल्सर के चुंबकीय क्षेत्र में होने वाली कुछ खास घटनाओं के कारण बनता है। पल्सर के चुंबकीय क्षेत्र बहुत मजबूत होता है और यह लगातार बदलता रहता है। मेदवेदेव के अनुसार, पल्सर के चुंबकीय क्षेत्र में होने वाले इन बदलावों के कारण ही रेडियो तरंगों में ज़ेबरा पैटर्न बनता है।

यह खोज ब्रह्मांड के बारे में हमारी समझ को बढ़ाने में मदद करेगी। इससे हमें पल्सर और सुपरनोवा के बारे में और अधिक जानकारी मिलेगी।

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