
यह बयान तब आया है जब ट्रंप ने ऑटो आयात पर 25% टैरिफ लगाने की घोषणा की है।
कार्नी, जो लगभग दो हफ्ते पहले ही कनाडा के नए प्रधानमंत्री बने हैं, ने बताया कि ट्रंप ने बुधवार रात को उनसे बातचीत के लिए संपर्क किया था।
प्रधानमंत्री कार्नी ने कहा, “हम जल्द ही बात करेंगे, संभवतः एक-दो दिनों में। ट्रंप को कनाडा की संप्रभुता का सम्मान करना चाहिए। यह ज्यादा नहीं है, लेकिन शायद उनके लिए ये बहुत बड़ी बात है।”
डोनाल्ड ट्रंप ने कनाडा के खिलाफ व्यापार युद्ध छेड़ दिया है और बार-बार अमेरिका के उत्तरी पड़ोसी को 51वां अमेरिकी राज्य बनाने की मांग कर रहे हैं, जिससे कनाडा के लोग नाराज हैं।
प्रधानमंत्री कार्नी ने कहा, “यह साफ हो गया है कि अमेरिका अब भरोसेमंद साझेदार नहीं रहा है। यह संभव है कि व्यापक बातचीत के बाद हम भरोसा बहाल कर सकें, लेकिन अब सब कुछ पहले जैसा नहीं होगा।”
उन्होंने आगे कहा, “अब हमें अमेरिका पर अपनी व्यापारिक निर्भरता को काफी हद तक कम करना होगा और अन्य देशों के साथ व्यापारिक संबंधों को मजबूत करना होगा।”
पूर्व केंद्रीय बैंकर मार्क कार्नी ने 14 मार्च को कनाडा के नए प्रधानमंत्री के रूप में शपथ ली थी। आमतौर पर, अमेरिका के राष्ट्रपति और कनाडा के प्रधानमंत्री के बीच इतनी देरी से संवाद होना असामान्य है।
कार्नी ने जस्टिन ट्रूडो की जगह कनाडा के प्रधानमंत्री और लिबरल पार्टी के नेता के रूप में कार्यभार संभाला है। कार्नी ने हाल ही में 28 अप्रैल को होने वाले जल्द चुनाव की घोषणा की है।
इससे पहले ट्रूडो की सरकार इस साल के चुनाव में हार की ओर बढ़ रही थी, लेकिन ट्रंप के टैरिफ और कनाडा की संप्रभुता को चुनौती देने के फैसले के बाद वहां देशभक्ति की लहर दौड़ पड़ी।
अब बड़ी संख्या में कनाडाई मानते हैं कि इस संकट के समय कार्नी ही देश का नेतृत्व करने के लिए सबसे उपयुक्त व्यक्ति हैं।
डोनाल्ड ट्रंप ने भी स्वीकार किया है कि उन्होंने कनाडाई राजनीति को पूरी तरह बदल कर रख दिया है।
प्रधानमंत्री कार्नी ने इन टैरिफ को अनुचित बताया और अपनी चुनावी अभियान यात्रा को रोकते हुए ओटावा में अमेरिकी संबंधों पर बनी विशेष कैबिनेट समिति की अध्यक्षता की।