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श्रीनगर: ग्लोबल फ़ॉरेस्ट वॉच (GFW) के आंकड़ों के अनुसार, जम्मू-कश्मीर में वनों की कटाई और आग लगने की घटनाओं में वृद्धि हुई है।
GFW के आंकड़ों के अनुसार, 2001 और 2023 के बीच, जम्मू-कश्मीर ने लगभग 4,190 हेक्टेयर (4.19 वर्ग किलोमीटर) वन क्षेत्र खो दिया, जो 2000 के बाद से 0.39% की गिरावट है।

घटना का विवरण:
- GFW के आंकड़ों के अनुसार, जम्मू-कश्मीर में वनों की कटाई और आग लगने की घटनाओं में वृद्धि हुई है।
- 2001 और 2023 के बीच, जम्मू-कश्मीर ने लगभग 4,190 हेक्टेयर (4.19 वर्ग किलोमीटर) वन क्षेत्र खो दिया।
- यह 2000 के बाद से 0.39% की गिरावट है।
- वनों की कटाई के मुख्य कारण कृषि, शहरीकरण और बुनियादी ढांचे का विकास हैं।
- आग लगने की घटनाएं अक्सर शुष्क मौसम और मानव गतिविधियों के कारण होती हैं।
यह खबर क्यों महत्वपूर्ण है?
- यह खबर हमें बताती है कि जम्मू-कश्मीर में वन क्षेत्र तेजी से घट रहा है।
- यह खबर हमें यह भी बताती है कि हमें वनों के संरक्षण के लिए तत्काल कार्रवाई करने की आवश्यकता है।
हमें क्या करना चाहिए?
- हमें वनों की कटाई को रोकने के लिए प्रयास करने चाहिए।
- हमें आग लगने की घटनाओं को रोकने के लिए जागरूकता फैलानी चाहिए।
- हमें वनों के संरक्षण के लिए सरकार के प्रयासों का समर्थन करना चाहिए।