
यह मुद्दा सरकार और विपक्ष के बीच टकराव का कारण बन सकता है।
सरकार इस विधेयक को पारित कराने के लिए पूरी तरह तैयार है, जबकि विपक्ष इसे असंवैधानिक बताकर विरोध कर रहा है। गुरुवार को यह विधेयक राज्यसभा में पेश किया जाएगा, जहां दोनों सदनों में इसे बहस के लिए आठ-आठ घंटे का समय दिया गया है।
भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के नेतृत्व वाली राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) में शामिल तेलुगु देशम पार्टी (TDP), जनता दल (यूनाइटेड), शिवसेना और लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) ने अपने सांसदों को सरकार के समर्थन में मतदान करने का निर्देश दिया है।
लोकसभा में एनडीए के पास 293 सांसदों का समर्थन है, जिससे विधेयक पारित होने में कोई कठिनाई नहीं होगी। बीजेपी को अक्सर निर्दलीय सांसदों और छोटे दलों का समर्थन भी मिल जाता है।
भाजपा के सहयोगी दलों, जैसे कि TDP, JD(U) और LJP (रामविलास), ने शुरू में विधेयक को लेकर कुछ आपत्तियां जताई थीं, लेकिन संसदीय समिति द्वारा उनकी कुछ सिफारिशों को शामिल करने के बाद वे इसे पारित कराने के लिए सहमत हो गए हैं।
दूसरी ओर, विपक्षी गठबंधन INDIA के दलों ने भी संसद भवन में बैठक कर अपनी संयुक्त रणनीति तैयार की और इस विधेयक का पुरजोर विरोध करने का फैसला किया।
बजट सत्र का दूसरा चरण 10 मार्च से शुरू हुआ था और यह 4 अप्रैल तक चलेगा। इस दौरान कई अन्य महत्वपूर्ण विधेयकों पर भी चर्चा होनी है।