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बिहार में भीषण गर्मी से जलसंकट, जमुई के गांवों में पानी के लिए हाहाकार.

जमुई: बिहार में भीषण गर्मी के कारण तापमान 41°C तक पहुंच गया है, जिससे जलसंकट गहराता जा रहा है।

गांवों में पानी की भारी किल्लत है, जिससे लोगों को पीने और नहाने तक के लिए संघर्ष करना पड़ रहा है।

जमुई जिले के गिधौर प्रखंड के धोबघाट सिमरिया गांव में हालात सबसे ज्यादा खराब हैं।

यहां के महादलित टोला में करीब 200 परिवार रहते हैं, जिन्हें पानी के लिए लंबी दूरी तय करनी पड़ रही है।

नीतीश सरकार की ‘हर घर नल का जल’ योजना के बावजूद लोग बूंद-बूंद पानी को तरस रहे हैं।

गांव में सरकारी और निजी हैंडपंप तो हैं, लेकिन उनमें पानी नहीं आ रहा है।

स्थानीय लोगों का कहना है कि टैंकों और नलों की व्यवस्था की गई थी, लेकिन वे सूखे पड़े हैं।

पानी के अभाव में ग्रामीण गड्ढे खोदकर पानी तलाशने को मजबूर हो गए हैं।

गर्मी बढ़ने से जल स्रोत सूखने लगे हैं, जिससे संकट और गहरा गया है।

कई लोग कई दिनों तक नहाने और कपड़े धोने में असमर्थ हो रहे हैं।

जलसंकट के चलते ग्रामीणों को दूर-दराज के इलाकों से पानी लाना पड़ रहा है।

महिलाएं और बच्चे दिनभर पानी की तलाश में भटकते नजर आते हैं।

गांव के लोगों ने प्रशासन से पानी की समस्या हल करने की गुहार लगाई है।

सरकार की जल योजना पर सवाल खड़े हो रहे हैं, क्योंकि लोगों को इसका लाभ नहीं मिल रहा।

स्थानीय पंचायतों ने भी समस्या को गंभीर बताते हुए समाधान की मांग की है।

यदि जल्द कोई समाधान नहीं हुआ तो हालात और बिगड़ सकते हैं।

गांव में टैंकर से पानी आपूर्ति करने की मांग जोर पकड़ रही है।

जल्द ही प्रशासनिक अधिकारियों द्वारा निरीक्षण किए जाने की उम्मीद है।

जल संकट से निपटने के लिए सरकार को तत्काल प्रभावी कदम उठाने की जरूरत है।

लोगों का कहना है कि अगर यही हाल रहा तो पलायन भी बढ़ सकता है।

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