
गुरुवार को संसद ने वित्त विधेयक 2025 को मंजूरी दे दी। राज्यसभा ने इस विधेयक को लोकसभा को लौटा दिया, जिसने इसे 25 मार्च को पारित किया था।
राज्यसभा ने इसके अलावा विनियोग विधेयक (3) को भी लोकसभा को लौटा दिया।
वित्त विधेयक के लौटने के साथ ही केंद्रीय बजट प्रक्रिया पूरी हो गई, जो 1 फरवरी को बजट पेश होने के साथ शुरू हुई थी।
बजट सत्र का दूसरा चरण 10 मार्च को शुरू हुआ था और यह 4 अप्रैल तक चलेगा।
इस दौरान कई महत्वपूर्ण विधेयकों को पेश किया गया, जिनमें आपदा प्रबंधन संशोधन विधेयक और प्रवासन एवं विदेशी विधेयक शामिल हैं।
लोकसभा में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने आपदा प्रबंधन संशोधन विधेयक 2024 में राज्यसभा द्वारा किए गए संशोधनों को मंजूरी के लिए पेश किया।
इसके अलावा, अमित शाह ने प्रवासन और विदेशी विधेयक 2025 भी पेश किया, जो भारत में प्रवेश और निकास के लिए पासपोर्ट की अनिवार्यता और अन्य प्रावधानों से संबंधित है।
रेलवे अधिनियम 1989 में संशोधन के लिए रेलवे (संशोधन) विधेयक 2024 को केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने सदन में रखा।
केंद्रीय मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने गोवा में अनुसूचित जनजातियों के लिए विधानसभा क्षेत्रों के पुनर्निर्धारण संबंधी विधेयक भी लोकसभा में पेश किया।
राज्यसभा में केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने विनियोग (संख्या 3) विधेयक 2025 को विचार और मंजूरी के लिए रखा।
उन्होंने वित्त विधेयक 2025 को भी पेश किया, जो वित्तीय वर्ष 2025-26 के लिए केंद्र सरकार के वित्तीय प्रस्तावों को लागू करने से संबंधित है।
इस बजट सत्र में आर्थिक सुधार, सामाजिक कल्याण योजनाएं और कर ढांचे में बदलाव पर चर्चा की गई।
सरकार ने इस दौरान महंगाई नियंत्रण, रोजगार के अवसर बढ़ाने और आर्थिक वृद्धि को मजबूत करने पर जोर दिया।
वित्त मंत्री ने देश की आर्थिक स्थिति को स्थिर करने के लिए कई अहम घोषणाएं कीं।
कृषि, उद्योग, स्वास्थ्य और शिक्षा क्षेत्र के लिए विशेष बजट आवंटन की घोषणा की गई।
बजट सत्र के दौरान विपक्ष ने महंगाई, बेरोजगारी और अन्य मुद्दों पर सरकार को घेरने की कोशिश की।
हालांकि सरकार ने अपने जवाब में देश की आर्थिक स्थिति को संतुलित बताते हुए अपने सुधार कार्यों पर जोर दिया।