

उन्होंने कहा कि आज दुनिया भारत की बात सुनती है क्योंकि देश ने बेहतर विश्व व्यवस्था बनाने और अपनी प्राचीन सभ्यता के मूल्यों को प्रस्तुत करने पर जोर दिया है।
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, “अपनी विरासत की ताकत के कारण, भारत दुनिया को यह बता सकता है कि भविष्य युद्ध में नहीं, बल्कि बुद्ध (शांति) में है।” उन्होंने यह भी कहा कि प्रवासी भारतीय जिस देश में रहते हैं, वहां भारत के राजदूत के रूप में कार्य करते हैं।
प्रधानमंत्री ने सम्मेलन के दौरान भारत की सांस्कृतिक और आध्यात्मिक विरासत की तारीफ की और कहा कि भारत ने हमेशा शांति, सहयोग और संवाद के माध्यम से समस्याओं के समाधान का प्रयास किया है। उन्होंने यह भी कहा कि भारत का योगदान वैश्विक स्तर पर मानवता और शांति को बढ़ावा देने में अहम रहा है।
उन्होंने प्रवासी भारतीय समुदाय को भारत की ताकत बताते हुए उनकी भूमिका की सराहना की। प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत ने दुनिया को हमेशा यह संदेश दिया है कि विकास और प्रगति के लिए शांति और सह-अस्तित्व आवश्यक हैं।
प्रधानमंत्री मोदी ने भारतीय संस्कृति और सभ्यता को दुनिया में फैलाने के लिए प्रवासी भारतीयों के प्रयासों की सराहना की और उन्हें भारत के ‘शांति-दूत’ कहा।
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