
जहां आम आदमी पार्टी (आप), भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और कांग्रेस ज़ोर-शोर से चुनाव प्रचार कर रही हैं, वहीं ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहाद-उल-मुस्लिमीन (एआईएमआईएम) भी मुस्लिम बहुल क्षेत्रों से अपने उम्मीदवार उतारने की योजना बना रही है।
शाहरुख पठान को मिल सकता है टिकट
इस बार दिल्ली दंगों के आरोपी शाहरुख पठान को लेकर चर्चा तेज़ है। एआईएमआईएम उन्हें उम्मीदवार बना सकती है। एआईएमआईएम दिल्ली प्रमुख शोएब जमई ने कहा कि शाहरुख पठान को चुनाव लड़ाने का फैसला पार्टी हाईकमान द्वारा अभी तक नहीं लिया गया है। उन्होंने हाल ही में शाहरुख पठान के परिवार से मुलाकात की थी, जिसके बाद यह चर्चा तेज़ हो गई।
लोकतांत्रिक अधिकार की बात
जमई ने कहा कि चुनाव लड़ना हर भारतीय नागरिक का लोकतांत्रिक अधिकार है। उन्होंने बताया कि गंभीर आरोपों का सामना कर चुके कई नेताओं ने चुनाव लड़ा है। उन्होंने यह भी कहा कि पार्टी का उद्देश्य गरीबों की मदद करना है और पठान के परिवार को न्याय दिलाना है।
ताहिर हुसैन की पत्नी पर भी चर्चा
इससे पहले, एआईएमआईएम ने दिल्ली दंगों के एक अन्य आरोपी और पूर्व निगम पार्षद ताहिर हुसैन की पत्नी को चुनाव में उतारने की बात कही थी, जो चर्चा का विषय बनी थी।
आप का गठबंधन से इनकार
आम आदमी पार्टी ने साफ कर दिया है कि वह आगामी चुनावों में किसी भी पार्टी से गठबंधन नहीं करेगी। आप के संयोजक अरविंद केजरीवाल ने कहा कि पार्टी सभी 70 सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारेगी।
एआईएमआईएम की रणनीति
मुस्लिम बहुल क्षेत्रों से उम्मीदवार उतारकर एआईएमआईएम दिल्ली में अपनी पकड़ मजबूत करना चाहती है। पार्टी का मानना है कि इससे उसे इन क्षेत्रों में प्रभाव बढ़ाने का मौका मिलेगा।